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पहलगाम आतंकी हमले पर UNSC में कैसे हुई पाकिस्तान की फजीहत, कांग्रेस सांसद ने बताई इनसाइड स्टोरी

कांग्रेस नेता शशि थरूर
Image Source : FILE-PTI
कांग्रेस नेता शशि थरूर

  तिरुवनंतपुरमः संयुक्त राष्ट्र में पूर्व राजनयिक और कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि उन्हें भारत-पाकिस्तान तनाव पर न्यूयॉर्क में बंद कमरे में आयोजित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बैठक से “कुछ खास” निकलने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि पाकिस्तान के खिलाफ किसी भी प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र निकाय के स्थायी सदस्य चीन द्वारा वीटो कर दिया जाएगा। 

भारत के खिलाफ प्रस्ताव नहीं होगा पारित

पूर्व राजनयिक शशि थरूर ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि यूएनएससी पाकिस्तान की आलोचना करने वाला प्रस्ताव पारित नहीं करेगा क्योंकि चीन उस पर वीटो कर देगा। उन्होंने कहा कि वे हमारी आलोचना करने वाला प्रस्ताव भी पारित नहीं करेंगे क्योंकि कई देश इस पर आपत्ति करेंगे और शायद वीटो कर देंगे।”

यूएनएससी की मीटिंग में पाकिस्तान से पूछे गए कड़े सवाल

शशि थरूर ने कहा कि यूएनएससी की मीटिंग में क्या हुआ ये तभी पता चलेगा जब कोई लिखित या औपचारिक बयान जारी होगा। उन्होंने कहा कि बंद कमरे में हुई बैठक में केवल सदस्य देश ही मौजूद थे, जिसके कारण यह ठीक से पता नहीं चल पाया है कि वार्ता में क्या हुआ। हालांकि, रिपोर्टों से पता चलता है कि यूएनएससी के सदस्यों ने पाकिस्तान से कठिन सवाल पूछे। यह मीटिंग पाकिस्तान के लिए अच्छी बिल्कुल भी अच्छी नहीं रही। क्योंकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों ने उससे आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा जैसे कई मुद्दे पर तीखे सवाल पूछे।  

यूएनएससी आतंकवाद पर जाहिर करेगा चिंता


 

थरूर ने यूएनएससी के कामकाज के बारे में अपनी जानकारी के आधार पर कहा कि सुरक्षा परिषद भारत या पाकिस्तान के खिलाफ कोई प्रस्ताव पारित नहीं करेगी। यह सामान्य भाषा में शांति और आतंकवाद के बारे में चिंता का आह्वान होगा। उन्होंने कहा कि उन्हें सुरक्षा परिषद से किसी भी ऐसी विशेष बात की उम्मीद नहीं है, चाहे वह औपचारिक बैठकों के माध्यम से हो या अनौपचारिक परामर्श के माध्यम से, जिसका सीधा असर दोनों देशों पर पड़े।

पाकिस्तान खुद फंस गया

रिपोर्ट्स बताती हैं कि परिषद के सदस्यों ने हमले में पाकिस्तान स्थित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता को लेकर इस्लामाबाद से पूछताछ की और जवाबदेही की मांग की। पाकिस्तान सुरक्षा परिषद के 10 गैर-स्थायी सदस्यों में से एक है और बैठक में मौजूद था, जबकि भारत मौजूद नहीं था। थरूर ने कहा कि इन परिस्थितियों में पाकिस्तान ने सोचा होगा कि उनके पास एक फायदा है, लेकिन वैसा नहीं हुआ। उल्टे पाकिस्तान से मीटिंग में लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े कई कड़े सवाल पूछे गए।  

इनपुट- एएनआई

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Author: Amogh News

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