
7 मई को होने वाली मॉक ड्रिल को लेकर तैयारी पूरी हो चुकी है।
Civil Defense Mock Drill: सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल एक नियोजित अभ्यास है, जिसका उद्देश्य नागरिकों, प्रशासन और आपातकालीन सेवाओं को युद्ध, प्राकृतिक आपदा, या अन्य आपात स्थितियों जैसे हवाई हमले, आतंकी हमले, या रासायनिक हमले के लिए तैयार करना है। भारत में, विशेष रूप से 7 मई 2025 को 259 चिह्नित जिलों में होने वाली यह मॉक ड्रिल, युद्ध जैसी परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा और प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करने के लिए आयोजित की जा रही है। यह 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद पहला इतना बड़ा सिविल डिफेंस अभ्यास है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा और नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का उद्देश्य
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का मुख्य लक्ष्य नागरिकों को आपात स्थिति में व्यवस्थित और त्वरित प्रतिक्रिया देना सिखाना है। इसमें हवाई हमले की चेतावनी (सायरन), ब्लैकआउट, निकासी (evacuation), प्राथमिक चिकित्सा, और बंकरों में शरण लेने जैसे अभ्यास शामिल होते हैं। यह ड्रिल प्रशासन, सिविल डिफेंस वॉलंटियर्स, होम गार्ड, अग्निशमन सेवाओं, और पुलिस के बीच समन्वय को भी बेहतर बनाती है। भारत जैसे देश में, जहां सीमावर्ती क्षेत्र जैसे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, और गुजरात सामरिक रूप से संवेदनशील हैं, यह ड्रिल नागरिकों को युद्धकालीन परिस्थितियों के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार करती है।
मॉक ड्रिल की प्रक्रिया
मॉक ड्रिल के दौरान, हवाई हमले की चेतावनी के लिए सायरन बजाए जाते हैं, जिसके बाद नागरिकों को सुरक्षित स्थान जैसे बंकर या मजबूत इमारतों में जाने का अभ्यास करना होता है। ब्लैकआउट का पालन किया जाता है, जिसमें सभी लाइटें बंद कर दी जाती हैं ताकि दुश्मन के लिए निशाना लगाना मुश्किल हो। निकासी योजनाओं का अभ्यास होता है, जहां लोग निर्दिष्ट सुरक्षित स्थानों पर ले जाए जाते हैं। इसके अलावा, प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन, और आपातकालीन किट के उपयोग का प्रशिक्षण दिया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों, और गांवों में नागरिकों को जागरूक करने के लिए विशेष सत्र आयोजित किए जाते हैं।
क्यों जरूरी है मॉक ड्रिल?
यह ड्रिल नागरिकों में आत्मविश्वास जगाती है और आपात स्थिति में घबराहट को कम करती है। यह प्रशासन को अपनी तैयारियों का मूल्यांकन करने और कमियों को सुधारने का अवसर देती है। सीमावर्ती क्षेत्रों में यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि युद्ध की स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सर्वोपरि होती है। नागरिकों को मॉक ड्रिल में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए, प्रशासन के निर्देशों का पालन करना चाहिए, और अफवाहों से बचना चाहिए। यह अभ्यास न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा बल्कि सामुदायिक एकजुटता को भी बढ़ावा देता है।
