May 5, 2025 4:13 am

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‘गाय के गोबर से तैयार पेंट को सरकारी भवनों में किया जाए इस्तेमाल’, सीएम योगी का अधिकारियों को निर्देश

सीएम योगी आदित्यनाथ और गाय का गोबर
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सीएम योगी आदित्यनाथ और गाय का गोबर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निराश्रित गोवंश संरक्षण केंद्रों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने रविवार को कहा कि गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का प्रयोग सरकारी भवनों में भी किया जाए। सीएम योगी ने पशुपालन एवं दुग्ध विकास विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को ये निर्देश दिए हैं। सीएम योगी ने कहा कि गोबर से निर्मित प्राकृतिक पेंट का प्रयोग सरकारी भवनों में भी किया जाए तथा इन पेंट संयंत्र की संख्या बढ़ाई जाए। 

पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार

सीएम योगी ने कहा, ‘पशुपालन और दुग्ध विकास प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था का मजबूत आधार है। यह क्षेत्र केवल दुग्ध उत्पादन तक सीमित नहीं, बल्कि इसमें आजीविका, पोषण सुरक्षा और महिला सशक्तीकरण की भी व्यापक संभावनाएं हैं।’ उन्होंने कहा कि तकनीक, निवेश और नवाचार को बढ़ावा देते हुए इस क्षेत्र को और सशक्त किया जाना चाहिए। 

राज्य में  7,693 गो आश्रय 

मुख्यमंत्री को जानकारी दी गई कि वर्तमान में प्रदेश के 7,693 गो आश्रय स्थलों में 11.49 लाख गोवंश संरक्षित हैं, जिनकी निगरानी सीसीटीवी से की जा रही है और नियमित अंतराल पर निरीक्षण भी किया जा रहा है। सीएम योगी ने निर्देश दिए कि इन आश्रय स्थलों में देखभाल के लिए कर्मचारी की तैनाती, उन्हें समय से वेतन भुगतान, भूसा बैंक की स्थापना, पानी, हरे चारे और चोकर की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। 

 समय-समय पर पशु चिकित्सकों का कराया जाए दौरा

सीएम योगी ने कहा, ‘आश्रय स्थलों में समय-समय पर पशु चिकित्सकों का दौरा भी कराया जाए। जिन गरीब परिवारों के पास पशुधन नहीं है, उन्हें ‘मुख्यमंत्री निराश्रित गोवंश सहभागिता योजना’ के अंतर्गत गाय उपलब्ध कराई जाए। इससे परिवारों को एक ओर जहां गोसेवा का पुण्य प्राप्त होगा, वहीं दूसरी ओर दूध की उपलब्धता से परिवार के पोषण स्तर में भी सुधार होगा।’ 

देसी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता कराई जानी चाहिए- सीएम योगी

इस बैठक में सीएम योगी ने कहा कि मंडल स्तर पर देसी नस्ल की गायों की प्रतियोगिता कराई जानी चहिए और अच्छे गो आश्रय स्थलों को चिह्लित कर सम्मानित किया जाए। इसी प्रकार, गो आधारित उत्पाद बनाने वाली संस्थाओं के बीच भी प्रतियोगिता आयोजित की जाए। (भाषा के इनपुट के साथ)

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Author: Amogh News

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