
आसमानी बिजली
आज यूपी, दिल्ली और हरियाणा समेत कई राज्यों में तेज बारिश देखने को मिले। इस बारिश के साथ तूफान और बिजली भी गिरने की खबरें सामने आईं। इसमें कई लोगों के जान जाने की बात सामने आई। जानकारी के मुताबिक, यूपी में बिजली गिरने से बीते 24 घंटे ने 5 लोगों की मौत हो गई है। सीएम योगी ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही मुआवजा देने को भी आदेश दिया है। इधर लोगों के मन में सवाल आने लगे कि आखिर बिजली कैसे बनती है और सबसे ज्यादा कहां गिरती है और क्यों?
कैसे बनती है बादलों में बिजली?
बारिश के लिए जैसे जैसे बादलों में जमा वाष्प ऊपर की ओर उठता है, जमने लगता है बादलों में और ऊपर जाते समय पानी की बूंदे जमकर क्रिस्टल में बदलने लगती हैं। ऐसे में ऊपर जाते-जाते पानी के ये क्रिस्टल आकार इतने बड़े हो जाते हैं कि गिरने लगते हैं, इससे इनमें आपस में टकराव होने लगते हैं और इसमें टकराव से इलेक्ट्रान पैदा हो जाते हैं। यह सिलसिला चलता है रहा है और इलेक्ट्रान भी बढ़ते रहते हैं। इस प्रक्रिया के दौरान बादलों के ऊपर पॉजिटिव और बीच में निगेटिव चार्ज बन जाता है। यह बिजली कहलाती है। जानकारी हैरानी होगी लेकिन बादलों के दोनों हिस्सों के बीच एक अरब से लेकर 10 अरब वोल्ट तक की बिजली होती है, हालांकि धरती पर इस करंट का महज 15-20 फीसदी हिस्सा ही गिरता है।
कहां गिरती है सबसे अधिक बिजली?
क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑबल्जर्विग सिस्टम प्रमोशन काउंसलिंग (CROPC) ने आईएमडी के साथ मिलकर एक मैप जारी किया, जिसमें बताया कि देश के किस हिस्से में सबसे ज्यादा बिजली गिरती है। CROPC के मुताबिक, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा बिजली गिरती है। इसके बाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट, ओडिशा और बंगाल आता है। भारत के ग्रामीण इलाकों में सूचना सही समय और सही जानकारी न होने के कारण बिजली गिरने की जानकारी ठीक से पता नहीं चलती।
इस कारण गिरती है सबसे ज्यादा बिजली
जानकारी के मुताबिक, एमपी में गर्मी के बाद मानसून का आगमन होता है, जो बिजली गिरने की घटनाओं को बढ़ा देता है। जानकारों की मानें तो किसी खास जगह के वायुमंडल में हवा और बादल की वजह से अस्थिरता होती है तो वहां, बिजली गिरने का डर अधिक रहता है, इसके दो बड़े कारण है, पहला कितने ऊंचाई पर बादल बने रहे और दूसरा मल्टी लेयर क्लाउज बनने की वजह। संक्षेप में कहें तो मध्य प्रदेश में अधिक बिजली गिरने की वजह यहां का जलवायु, बादलों के प्रकार, मौसम की स्थिति और जलवायु परिवर्तन जैसे कारक हैं।
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