
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो
न्यूयॉर्क/वाशिंगटन: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत के कड़े रुख को देखते हुए अमेरिका आगे आया है। अमेरिका ने भारत और पाकिस्तान से तनाव कम करने की बात कही है। अमेरिका ने कहा है कि वह आतंकवाद के खिलाफ नई दिल्ली के साथ खड़ा है। अमेरिका की ओर से यह भी कहा गया है कि पहलगाम आतंकी हमले की जांच में इस्लामाबाद सहयोग करे।
आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका भारत के साथ
अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से अलग-अलग बातचीत की है। जयशंकर के साथ अपनी बातचीत में रुबियो ने पहलगाम में हुए ‘भयानक’ आतंकवादी हमले में मारे गए लोगों के लिए दुख व्यक्त किया। इस आतंकी हमले में 26 नागरिक मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर पर्यटक थे। रुबियो ने भारत को तनाव कम करने और दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।
क्या बोले शहबाज शरीफ?
मार्को रुबियो ने शहबाज शरीफ के साथ भी हालात को लेकर चर्चा की। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के कार्यालय की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार शहबाज शरीफ ने अमेरिकी विदेश मंत्री को क्षेत्रीय हालात पर पाकिस्तान की स्थिति से अवगत कराया। बातचीत के दौरान शहबाज शरीफ ने भारत पर उकसाने का आरोप लगाया। रुबियो ने पाकिस्तान से कहा कि दक्षिण एशिया में शांति और सुरक्षा बनाए रखने के वह भारत के साथ काम करे।
अमेरिका के सामने गिड़गिड़ाया पाकिस्तान
पाकिस्तान ने अमेरिका से आग्रह किया है कि वह भड़काऊ बयान से बचने के लिए भारत पर दबाव डाले। शरीफ ने सिंधु जल संधि का भी मुद्दा भी उठाया। पाकिस्तान ने कहा कि संधि के तहत मिलने वाला पानी 24 करोड़ लोगों के लिए जीवन रेखा है। उन्होंने दावा किया कि संधि में किसी भी पक्ष की ओर से एकतरफा तरीके से पीछे हटने का कोई प्रावधान नहीं है।
यह भी पढ़ें:
बाज नहीं आया पाकिस्तान! UN में करना चाहता था घटिया काम, अमेरिका और फ्रांस ने निकाली हेकड़ी
