अक्षय तृतीया के दिन सोना सस्ता हो गया। बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 900 रुपये घटकर 98,550 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गई। मंगलवार को 99.9 प्रतिशत शुद्धता वाला यह कीमती धातु 99,450 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। अखिल भारतीय सर्राफा संघ के मुताबिक, 99.5 प्रतिशत शुद्धता वाला सोना 900 रुपये घटकर 98,100 रुपये प्रति 10 ग्राम रह गया, जबकि पिछले दिन यह 99,000 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था। पीटीआई की खबर में कहा गया है कि 2024 में अक्षय तृतीया पर सोने की कीमत 72,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर थी।
चांदी की कीमत
चांदी की कीमत 4,000 रुपये की गिरावट के साथ 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम रह गई, जबकि इससे पहले चांदी की कीमत 1,02,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी। लंबे समय से चांदी भी अपने ऊंचे लेवल पर बनी हुई है।
अक्षय तृतीया का असर बाजार पर
खबर के मुताबिक, अक्षय तृतीया पर उपभोक्ताओं की बढ़ी हुई खरीदारी ने सोने की कीमतों में गिरावट को सीमित कर दिया। अक्षय तृतीया को सोना, आभूषण और अन्य कीमती सामान खरीदने के लिए शुभ दिन माना जाता है। आभूषण विक्रेताओं को इस साल अक्षय तृतीया पर पिछले साल के मुकाबले उच्च कीमतों के चलते मूल्य के संदर्भ में बिक्री में लगभग 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है। 2024 में अक्षय तृतीया पर सोने की कीमत 72,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर थी, जो 10 मई को गिर गई।
सोने की बिक्री 20 टन पर स्थिर रहने की उम्मीद
ज्वेलर्स का कहना है कि मात्रा के लिहाज से सोने की बिक्री 20 टन पर स्थिर रहने की उम्मीद है। मंगलवार को चांदी की कीमत 1,02,000 रुपये प्रति किलोग्राम के पिछले बंद भाव के मुकाबले 4,000 रुपये गिरकर 98,000 रुपये प्रति किलोग्राम पर आ गई। विदेशी बाजार में हाजिर सोना 43.35 डॉलर या 1.31 फीसदी गिरकर 3,273.90 डॉलर प्रति औंस पर आ गया। हाजिर चांदी 1.83 फीसदी गिरकर 32.33 डॉलर प्रति औंस पर बोली गई।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी-कमोडिटी रिसर्च कायनात चैनवाला ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा अपने ऑटो टैरिफ के प्रभाव को कम करने के उद्देश्य से एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने और कई देशों के साथ व्यापार वार्ता में प्रगति का हवाला देने के बाद सोने में गिरावट जारी रही। अबंस फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिंतन मेहता ने कहा कि व्यापारी इस सप्ताह के आखिर में प्रमुख अमेरिकी मैक्रोइकॉनोमिक रिलीज़ पर बारीकी से नज़र रखेंगे, जिसमें Q1 GDP का पहला अनुमान, व्यक्तिगत उपभोग व्यय (PCE) मुद्रास्फीति डेटा और अप्रैल की नौकरियों के आंकड़े शामिल हैं।
