
पाकिस्तान के सुरक्षा बल
पेशावर: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) समूह के कम से कम 41 आतंकवादी अफगानिस्तान से पाकिस्तान में घुसपैठ की कोशिश के दौरान एक मुठभेड़ में मारे गए। एक अधिकारी ने इस बारे जानकारी देते हुए बताया कि हथियारों से लैस लड़ाके शुक्रवार रात को उत्तरी वजीरिस्तान कबायली जिले के बिबक घर इलाके के पास छिपे हुए थे, तभी सुरक्षा बलों के साथ उनकी मुठभेड़ हुई।
शुरू किया गया तलाशी अभियान
अधिकारी ने कहा, “उनमें से अधिकांश अफगान नागरिक थे।” अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ के बाद सुरक्षा बलों ने बचे हुए आतंकवादियों को मार गिराने के लिए इलाके में तलाशी अभियान शुरू किया है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान के बारे में जानें
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान की स्थापना दिसंबर 2007 में पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों में हुई थी। इस संगठन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान सरकार के खिलाफ लड़ाई लड़ना और देश में शरिया कानून को लागू करना है। टीटीपी की जड़ें अफगानिस्तान के तालिबान आंदोलन से जुड़ी हुई हैं, लेकिन यह संगठन स्वतंत्र रूप से पाकिस्तान में सक्रिय रहा है। इसकी स्थापना बैतुल्लाह महसूद ने की थी, जो दक्षिण वज़ीरिस्तान के एक प्रभावशाली नेता थे। संगठन कई छोटे-बड़े गुटों का गठजोड़ है, जिनमें से कई अल कायदा और अफगान तालिबान के साथ वैचारिक और रणनीतिक संबंध रखते हैं।
टीटीपी ने क्या किया
2009 में टीटीपी ने पाकिस्तान के स्वात घाटी पर कब्जा कर लिया था, जिसे बाद में पाकिस्तान सेना ने ऑपरेशन “राह-ए-रास्त” के माध्यम से खाली कराया। 2014 में पेशावर के एक आर्मी पब्लिक स्कूल पर टीटीपी द्वारा किया गया हमला अत्यंत भयावह था, जिसमें 140 से अधिक छात्रों और शिक्षकों की मौत हो गई। 2020 के बाद टीटीपी ने कई बिखरे हुए गुटों को फिर से एकजुट किया है। संगठन ने हमलों में तेजी आई है, खासकर पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान के क्षेत्रों में। (भाषा)
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