
डोनाल्ड ट्रंप
Pahalgam terror attack : पहलगाम हमले के बाद पूरी भारत को पूरी दुनिया का समर्थन मिल रहा है। अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पहलगाम हमने की निंदा की है। उन्होंने बेहद तल्ख लहजे में कहा-‘That was a bad one.. व्हाइट हाउस की ओर से जारी ऑडियो मैसेज में ट्रंप ने इस हमले की पुरजोर निंदा की। उन्होंने कहा कि वह एक बुरा हमला था और कश्मीर बॉर्डर पर हमेशा से तनाव रहा है। साथ ही इस बात को लेकर भी वह आश्वसत दिखे कि दोनों देश इसे किसी तरह सुलझा लेंगे।
यकीन है दोनों मिलकर मामले को सुलझा लेंगे
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, ‘मैं भारत के बहुत करीब हूं और मैं पाकिस्तान के भी बहुत करीब हूं, और कश्मीर में वे एक हजार साल से लड़ रहे हैं। कश्मीर एक हजार साल से चल रहा है, शायद उससे भी ज्यादा समय से। वह एक बुरा हमला था .. उस बॉर्डर पर 1,500 साल से तनाव है। यह वैसा ही रहा है, लेकिन मुझे यकीन है कि वे इसे किसी न किसी तरह से सुलझा लेंगे। मैं दोनों नेताओं को जानता हूं। पाकिस्तान और भारत के बीच बहुत तनाव है, लेकिन हमेशा से ही तनाव रहा है।’
तुलसी गबार्ड ने भी हमले की निंदा की
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से पहले अमेरिकी नेशनल इंटेलिजेंस की डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने पहलगाम हमले को दो-टूक शब्दों में निंदा की। उन्होंने इसे इस्लामिक आतंकी हमला कहा । उन्हें हिंदू विक्टिम कहा है। तुलसी गबार्ड ने अपने ट्वीट में लिखा है कि इस्लामिक आतंकवादी हमले और 26 हिंदुओं की हत्या के मुद्दे पर वो भारत के साथ हैं। तुलसी गबार्ड ने लिखा कि उनकी सहानुभूति मारे गए लोगों के परिजनों, भारत की जनता और प्रधानमंत्री मोदी के साथ है। इस हैवानियत भरे हमले के लिए जो भी जिम्मेदार हैं, उन्हें पकड़ने में अमेरिका पूरी तरह भारत की मदद करेगा।
ईरान ने तनाव कम करने का किया आग्रह
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान में बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने दोनों देशों से तनाव कम करने का आग्रह किया। सऊदी अरब ने भी भारत और पाकिस्तान के बीच शत्रुता को लेकर चिंता जताई उसके विदेश मंत्री ने अपने भारतीय और पाकिस्तानी समकक्षों के साथ फोन पर बातचीत की। ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अराघची ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘भारत और पाकिस्तान ईरान के पड़ोसी हैं, जिनके बीच सदियों पुराने सांस्कृतिक और सभ्यतागत संबंध हैं। अन्य पड़ोसियों की तरह, हम उन्हें अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता मानते हैं।” अराघची ने कहा कि तेहरान इस कठिन समय में दोनों के बीच बेहतर समझ के लिए इस्लामाबाद और नयी दिल्ली में अपने कार्यालयों का उपयोग करने के लिए तैयार है।
