गुरमीत राम रहीम
डेरा सच्चा सौदा प्रमुख और रेप मामले में दोषी गुरमीत राम रहीम सिंह को 21 दिन की ‘फरलो’ (छुट्टी) मिली है। ‘फरलो’ मिलने के बाद मंगलवार की सुबह साढ़े 6 बजे वह जेल से बाहर आया। राम रहीम हरियाणा के रोहतक जिले में स्थित सुनारिया जेल में बंद था। राम रहीम को आज सुबह साढ़े छ बजे पुलिस सुरक्षा में जेल से बाहर छोड़ा गया। राम रहीम को जेल से लेने के लिए आश्रम की दो गाड़ियां आईं थी। जानकारी के मुताबिक, मिले ‘फरलो’ के दौरान राम रहीम यूपी के बागपत आश्रम में ठहरेगा। राम रहीम अपने दो शिष्याओं के साथ रेप और हत्या के मामले में साल 2017 से जेल में बंद है। उसे 20 साल के कारावास की कठोर सजा सुनाई गई है।
राम रहीम को इस मामले में कोर्ट से मिली बड़ी राहत
यह पहली बार नहीं है जब राम रहीम को जेल से फरलो मिली है। इससे पहले वह 9 बार जेल से बाहर आ चुका है। यह दसवीं बार उसे जेल से फरलो मिली है। बता दें कि इस साल जब 19 जनवरी को राम रहीम जेल से बाहर आया था, तब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दाख़िल कर राम रहीम को पैरोल दिए जाने का विरोध किया था। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने हरियाणा की बीजेपी सरकार से कहा है कि अब आगे से राम रहीम को पैरोल देने से पहले हाई कोर्ट से अनुमति ली जाए। जिसके बाद गुरमीत राम रहीम को बड़ी राहत देते हुए पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) द्वारा दायर याचिका का निपटारा कर दिया है, जिसमें डेरा प्रमुख को पैरोल या फरलो पर रिहा न करने के निर्देश देने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राज्य सरकार ऐसे मुद्दों पर निर्णय लेने में सक्षम है। दिलचस्प बात ये है कि हरियाणा सरकार पहले ही हाईकोर्ट को बता चुकी है कि डेरा प्रमुख वैधानिक प्रावधान के अनुसार पैरोल और फरलो के हकदार हैं।
जब-जब चुनाव तब-तब बाबा जेल से बाहर
हरियाणा में चुनाव छोटा हो या बड़ा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह जरूर चर्चा में होता है। इस बार हरियाणा का विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में राम रहीम कोएक बार फिर से जेस से बाहर पैरोल पर भेजा गया है। राम रहीम इस बार 21 दिन की पैरोल पर बाहर आया है। बता दें कि, हरियाणा के नौ जिलों की करीब तीन दर्जन विधानसभा सीटों पर डेरे का पूरा दखल है। हरियाणा में 15 से 20 लाख अनुयायी डेरे से जुड़े हैं, जिनके नियमित सत्संग होते हैं। ऐसे में हर सियासी पार्टियां डेरा की ताकत को समझती है। सिरसा, हिसार, फतेहाबाद, कैथल, जींद, अंबाला, यमुनानगर और कुरुक्षेत्र जिले ऐसे हैं, जहां डेरा सच्चा सौदा का डायरेक्ट असर है।
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