June 21, 2025 1:53 pm

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एक ब्रांच से दूसरे ब्रांच में मनी ट्रांसफर के दौरान हितेश मेहता चुराता था पैसे, सूत्रों के हवाले से खबर

New India cooprative bank

Image Source : FILE
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक

मुंबई: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले के आरोपी हितेश मेहता को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जब पैसे एक ब्रांच से दूसरे ब्रांच के लिए ट्रांसफर किए जाते थे उस दौरान हितेश मेहता चोरी की वारदात को अंजाम दिया करता था। हितेश मनी ट्रांसफर के दौरान गाड़ी से पैसे निकाल कर अपने घर ले जाता था। आरोपी हितेश मेहता पर प्रभादेवी ब्रांच से 112 करोड़ और गोरेगांव ब्रांच से 10 करोड़ गबन करने का आरोप है। हितेश मेहता को सुनवाई के लिए मुंबई की हॉलिडे कोर्ट में लाया गया है।

122 करोड़ रुपये गबन के आरोप में हुई गिरफ्तारी

मुंबई पुलिस ने शनिवार को हितेश मेहता को बैंक से 122 करोड़ रुपये के कथित गबन के आरोप में गिरफ्तार किया। एक अधिकारी ने बताया कि मेहता को शहर पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने तीन घंटे से अधिक समय तक पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया। बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवर्षि घोष ने शुक्रवार को मध्य मुंबई के दादर पुलिस स्टेशन में जाकर धन के दुरुपयोग की शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत के अनुसार मेहता ने अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर साजिश रची और बैंक के प्रभादेवी तथा गोरेगांव कार्यालयों की तिजोरियों में रखे धन से 122 करोड़ रुपये का गबन किया। 

अधिकारी ने बताया कि मेहता को इस मामले के संबंध में जांच एजेंसी के दक्षिण मुंबई कार्यालय में अपना बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बृहस्पतिवार को सहकारी बैंक पर कई प्रतिबंध लगाए थे, जिसमें जमाकर्ताओं द्वारा धन की निकासी पर प्रतिबंध भी शामिल है। आरबीआई ने बैंक में हाल ही में हुए घटनाक्रमों से पैदा हुई निगरानी संबंधी चिंताओं का हवाला देते हुए यह कदम उठाया। आरबीआई ने शुक्रवार को एक साल के लिए बैंक के बोर्ड को भंग कर दिया था और कामकाज के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त किया। प्रशासक की मदद के लिए सलाहकारों की एक समिति भी नियुक्त की गई। 

मामले को ईओडब्ल्यू को सौंपा गया

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि शिकायत के आधार पर मेहता और अन्य के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 316 (5) (लोक सेवकों, बैंकरों और भरोसेमंद पदों पर बैठे अन्य लोगों द्वारा आपराधिक विश्वासघात), धारा 61 (2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि जांच के दायरे को देखते हुए मामले को ईओडब्ल्यू को सौंप दिया गया है। एजेंसी ने जांच शुरू कर दी है। इस सहकारी बैंक की 28 शाखाओं में ज्यादातर मुंबई महानगर में हैं। गुजरात के सूरत में इसकी दो शाखाएं और पुणे में एक शाखा है। (इनपुट-भाषा)

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Author: Amogh News

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