प्रतीकात्मक तस्वीर
मुंबई स्थित न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक में बड़ा घोटाला सामने आया है। दरअसल कुछ दिन पहले रिजर्व बैंक की एक टीम बैंक में सरप्राइज इंस्पेक्शन पर पहुंची थी। इस जांच के दौरान बैंक की तिजोरी में जो नकदी थी और बुक ऑफ अकाउंट्स में बैंक नकदी जमा होने की जो जानकारी लिखी गई थी, वो मैच नहीं कर रहा था। जानकारी के मुताबिक, बैंक लॉकर से कुल 122 करोड़ रुपये गायब थे। इस बैंक के हेड ऑफ अकाउंट्स हितेश मेहता थे। इस मामले के सामने आने के बाद आरबीआई ने पूछताछ शुरू की तो हितेश मेहता ने पैसे गबन करने की बात कबूल कर ली। इसके बाद तत्काल इस गबन की जानकारी ईओडब्ल्यू को दी गई और दादर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया। फिलहाल आरबीआई ने बैंक के वित्तीय लेन-देन पर रोक लगा दी है।
5 साल में 122 करोड़ रुपये का घोटाला
प्राथमिक जानकारी के अनुसार, आरोपी ने कोविड काल के दौरान से ही धीरे-धीरे बैंक की तिजोरी से पैसे निकालना शुरू कर दिया था। पिछले 5 साल से वह तिजोरी से पैसे निकाल रहा था। इस गबन में हितेश का किस किसने साथ दिया, क्या कोई अन्य कर्मचारी भी हितेश के साथ मिला हुआ है, हितेश ने 122 करोड़ रुपये का क्या किया, हितेश ने गबन किए पैसे किस-किस को दिए, ऐसे कई सवाल हैं जिनकी जांच पुलिस कर रही है। न्यू इंडिया कॉपरेटिव बैंक के जीएम हितेश मेहता पर मामला दर्ज कर लिया गया है। उनपर 122 करोड़ रुपये गबन करने का आरोप है। बता दें कि ईओडब्ल्यू भी इस मामले की जांच कर रही है। फिलहाल हितेश का बयान दर्ज किया जा रहा है।
बैंक के जीएम के घर छापेमारी
इसी मामले में ईओडब्ल्यू ने हितेश मेहता के दहिसर वाले घर एनएल कॉम्प्लेक्स के आर्यव्रत सोसायटी में छापेमारी की। बता दें कि आर्यव्रत सोसाइटी के 14वें फ्लोर पर ईओडब्ल्यू की रेड जारी है। इस दौरान मुंबई की दहिसर पुलिस भी वहां मौजूद है। बता दें कि हितेश मेहता फिलहाल न्यू इंडिया बैंक के जनरल मैनेजर के पद पर कार्यरत हैं। हितेश मेहता पर 122 करोड़ रुपये गबने करने का आरोप है, जिसके बाद ईओडब्ल्यू की रेड हुई है। बता दें कि रेड के बाद आरोपी हितेश मेहता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और हितेश से पूछताछ के लिए ईओडब्ल्यू मुख्यालय लाया गया है।
