
गुलाम रसूल बलियावी
पटना: जेडीयू के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सांसद गुलाम रसूल बलियावी ने पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों के खिलाफ भारत की ओर की गई सैन्य कार्रवाई पर कहा कि भारतीय सेना ने उनको मुंहतोड़ जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के नापाक गुंडों ने भारत की आत्मा पर जो प्रहार किया था, मजहब पूछकर हत्या करके हिन्दू मुस्लिम की फसाद कराना चाहा, भारतीय सेना ने उनको मुहंतोड़ जवाब दे दिया है।
थोड़ी और खुराक देने की जरूरत
उन्होंने आगे कहा कि भारतीय सेना ने साफ कर दिया है कि तुम छेड़ोगे तो हम तोड़ेंगे। यह भी बता दिया है कि धर्म के नाम पर भारत को कमजोर करनेवालों लिए भारत में कोई जगह नहीं है। गर्व महसूस करता हूं उन जवानों पर जिन्होंने चुन-चुन कर आतंकी ठिकानों पर हमला किया है। थोड़ी और खुराक देने की जरूरत है। यह पाकिस्तान के वो आतंकी हैं जो कभी सूफिज्म को दाग दार करते रहे कभी दरगाहों को दागदार करते रहे।
अब समझ में बात आई होगी
बलियावी ने आगे कहा-‘अब समझ में बात आई होगी। इस्लाम में और मेरे पैगंबर ने मना किया था। उसके विरोध में मजहब की चादर ओढ़ कर जाने वाले को भारत के अंदर भी जवाब दिया जाता है और सरहद के पार भी जवाब दिया जाता है, इसलिए इस वक्त हर भारतीय, हर हिंदुस्तानी गर्व महसूस कर रहा है। जिसने सिंदूर धोया था। ऑपरेशन सिंदूर करके सिंदूर की हैसियत बता दी।
भारतीय सेना ने 9 आतंकी ठिकानों को किया तबाह
बता दें कि भारतीय सेना ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेते हुए कठोर जवाबी कार्रवाई की। मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकी ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले किए, जिनमें आतंकवादी समूहों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ भी शामिल हैं। भारतीय सेना की यह कार्रवाई 25 मिनट तक चली।
जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ भी तबाह
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि भारत ने 22 अप्रैल के पहलगाम हमले के दोषियों और साजिशकर्ताओं को न्याय के कठघरे में लाने के लिए ‘‘आनुपातिक’’ हमले करने का निर्णय लिया, क्योंकि पाकिस्तान की ओर से उसके नियंत्रण वाले क्षेत्रों में आतंकवादी बुनियादी ढांचे के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए ‘‘कोई ठोस कदम’’ नहीं उठाया गया। गत 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के पंद्रह दिन बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नाम से शुरू की गई सैन्य कार्रवाई के लक्ष्यों में पंजाब प्रांत में बहावलपुर में जैश-ए-मोहम्मद का गढ़ भी शामिल था, जो भारतीय सीमा से 100 किलोमीटर दूर स्थित है।
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