युवाओं में क्रेडिट कार्ड का क्रेज आजकल खूब देखने को मिल रहा है। ऑनलाइन शॉपिंग के लुभावने ऑफर्स हों या फिर अचानक आई वित्तीय जरूरतें, क्रेडिट कार्ड कई लोगों के लिए एक उपयोगी साधन बन गया है। अगर आप भी क्रेडिट कार्ड लेने की सोच रहे हैं, तो कुछ जरूरी बातें हैं जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं कि ये क्या हैं।
क्रेडिट लिमिट
हर क्रेडिट कार्ड की एक तय सीमा होती है, जिसे क्रेडिट लिमिट कहते हैं। यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आपका खर्च इस सीमा के अंदर ही रहे। मान लीजिए आपके क्रेडिट कार्ड की लिमिट ₹5 लाख है, तो आपके द्वारा खर्च की गई कुल राशि हमेशा ₹5 लाख से कम होनी चाहिए।
क्रेडिट कार्ड यूटिलाइजेशन रेश्यो
यह आपके द्वारा इस्तेमाल की गई क्रेडिट लिमिट और आपकी कुल क्रेडिट लिमिट का अनुपात होता है। इसे हमेशा 30% से कम रखने की सलाह दी जाती है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपकी क्रेडिट कार्ड लिमिट ₹10 लाख है, तो कोशिश करें कि आप ₹3 लाख से ज़्यादा खर्च न करें।
क्रेडिट स्कोर
अगर आप अपने क्रेडिट कार्ड के बिलों का भुगतान समय पर करते हैं, तो आपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता जाता है। एक अच्छा क्रेडिट स्कोर आपको भविष्य में अपने कार्ड पर उच्च क्रेडिट लिमिट पाने में मदद कर सकता है। जैसे, अगर आपकी क्रेडिट लिमिट अभी ₹5 लाख है और आप लगातार समय पर भुगतान करते हैं, तो यह बढ़कर ₹7.5 लाख तक भी हो सकती है।
ब्याज मुक्त अवधि
क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने पर आपको लगभग 45 दिनों की ब्याज मुक्त अवधि मिलती है। इस दौरान अगर आप पूरी बकाया राशि चुका देते हैं, तो आपको कोई ब्याज नहीं देना होता। लेकिन, यह अवधि बीत जाने के बाद बकाया राशि पर ब्याज लगना शुरू हो जाता है।
मिनिमम ड्यू वर्सेस टोटल ड्यू
जब आपको अपने क्रेडिट कार्ड का बिल मिलता है, तो उसमें दो विकल्प होते हैं: या तो आप केवल न्यूनतम देय राशि (मिनिमम ड्यू) का भुगतान करें या फिर पूरी बकाया राशि (टोटल ड्यू) चुका दें। हमेशा यही सलाह दी जाती है कि आप पूरी बकाया राशि का भुगतान करें। यदि आप सिर्फ न्यूनतम राशि चुकाते हैं, तो बाकी बची राशि पर ब्याज लगता रहता है।
नकद निकासी
वैसे तो आप क्रेडिट कार्ड से पैसे भी निकाल सकते हैं, लेकिन इससे बचना चाहिए। क्रेडिट कार्ड से नकद निकालने पर लगने वाला ब्याज आमतौर पर बहुत ज़्यादा होता है, इसलिए यह समझदारी भरा कदम नहीं है।
