May 8, 2025 8:17 am

May 8, 2025 8:17 am

Search
Close this search box.

ऑपरेशन सिंदूर के बाद अब मॉक ड्रिल, बिहार के इन शहरों में होगा ब्लैक आउट, बजेंगे युद्ध के सायरन

Mock Drill
Image Source : FILE
मॉक ड्रिल

पटना:  भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के जरिए पाकिस्तान और पाक के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया है। सेना ने 9 जगहों पर स्ट्राइक करके आतंकियों के होश पाख्ता कर दिए। वहीं युद्ध जैसी स्थिति या फिर पाकिस्तान के किसी भी हमले का जवाब देने के लिए सेना पूरी तरह से तैयार है। इसी बीच पब्लिक को भी इन हालातों के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है। इस संबंध में देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल किया जा रहा है। बिहार की राजधानी पटना समेत 7 जिलों में मॉक ड्रिल की जा रही है। इस दौरान दुश्मन देश के हमलों के समय लोगों को कैसे अपना बचाव करना है, इस पूरी प्रक्रिया से लोगों को अवगत कराया जा रहा है।

80 जगहों पर बजेगा युद्ध का सायरन

राजधानी पटना में मॉक ड्रिल शाम 6 बजकर 58 मिनट पर शुरू होगी। पहले दो मिनट में 80 जगहों पर सायरन बजाया जाएगा। यह सायरन किसी हमले का संकेत होगा और सायरन बजते ही लोग अलर्ट हो जाएंगे। सायरन का बजना किसी संभावित हमने का संकेत होता है। सायरन बजने के बाद ब्लैक आउट हो जाएगा। हर जगह की बत्ती गुल हो जाएगी। ऐसे में कहीं भी किसी तरह की रोशनी नहीं होनी चाहिए। ताकि दुश्मन के जहाजों को रिहरायशी इलाकों का पता नहीं चल पाए। 

मॉक ड्रिल के दौरान लोगों में इस बात की जागरुकता पैदा की जाएगी कि किसी भी हमले की स्थिति में उन्हें क्या करना है और क्या नहीं करना है। मॉक ड्रिल के दौरान फायर ब्रिगेड और थाने की गाड़ियों का इस्तेमाल करना है। प्रशासन की ओर से कहा गया कि मॉक ड्रिल के दौरान पैनिक होने की जरूरत नहीं है। यह सिर्फ एक प्रैक्टिस है जो सिर्फ लोगों को अलर्ट करने के लिए किया जा रहा है। 

क्या होता है ब्लैक आउट?

अक्सर युद्ध के दौरान दुश्मन के हवाई हमलों से बचने के लिए ब्लैक आउट किया जाता है। पूरे शहर या कस्बे की बत्ती गुल कर दी जाती है। ऐसे इसलिए किया जाता है ताकि विमानों को अपना टारगेट ढूंढने में कठिनाई हो। 

भारत में कब-कब हुआ  ब्लैकआउट 

1965 का भारत-पाक युद्ध:  इस युद्ध के दौरान खासतौर से प्रमुख शहरों और पाक सीमा से लगे जैसे दिल्ली, अमृतसर, और कोलकाता में ब्लैक आउट किया गया था। सुरक्षा एजेंसियों ने लोगों को घरों की बत्तियां बंद करने और खिड़कियों पर काले पर्दे या पेंट लगाने की सलाह दी थी, ताकि पाकिस्तानी लड़ाकू विमानों को आबादी का पता न चले।

1971 का भारत-पाक युद्ध: इस युद्ध में भी ब्लैकआउट व्यापक रूप से लागू किया गया, खासकर दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, और अमृतसर जैसे बड़े शहरों में। शाम होते ही बिजली गुल कर दी जाती थी, और सायरन बजने पर लोग बंकरों में छिपते थे। घरों की खिड़कियों पर काले पर्दे या पेंट अनिवार्य थे। यह सुनिश्चित किया जाता था कि कोई रोशनी बाहर न जाए।

यह भी पढ़ें-

Source link

Amogh News
Author: Amogh News

Leave a Comment

Read More

1
Default choosing

Did you like our plugin?

Read More