
ऑपरेशन सिंदूर वीडियो
22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम हमले में मारे गए मासूम निहत्थे लोगों और उनके परिवार वालों को अब जाकर तसल्ली मिली है। आखिरकार भारत ने पहलगाम हमले का बदला ले ही लिया। भारतीय सेना की ओर से मंगलवार की रात और बुधवार की सुबह ऑपरेशन सिंदूर चलाया, जिसमें पाकिस्तान के बड़े आतंकी अड्डों को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। भारत ने पाकिस्तान और POK में ऑपरेशन सिंदूर को सफलतापूर्वक खत्म किया। भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 9 आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की, जिसमें कई बड़े आतंकी भी मारे जाने की खबर है। भारत की ओर से कैसे इस एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया गया और कितनी चतुराई के साथ चुन चुन कर आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाया गया, इसका वीडियो भारतीय सेना की ओर से किए गए प्रेस कॉन्फ्रेंस में जारी किया गया है। वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे एक-एक ठिकानों को निशाना बनाया गया और सेना ने सफलतापूर्वक ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम दिया। देखें वीडियो।
ऑपरेशन सिंदूर ने किया आतंक का खात्मा
-
बरनाला कैंप भिंबर (मुजफ्फराबाद)- ये आतंकी कैंप एलओसी से 9 किलोमीटर दूर है। यहां पर हथियार हैंडलिंग आईईडी और जंगल सर्वाइवल का प्रशिक्षण केन्द्र था।
-
अब्बास कैंप (कोटली)- ये एलओसी से 13 किलोमीटर दूर है। लश्कर ए तैयबा के फिदायीन यहां तैयार होता था। इसकी कैपेसिटी 15 आतंकियों को ट्रेंड करने की थी।
-
गुलपुर कैंप (कोटली)- ये LOC से 30 किलोमीटर दूर था। लश्कर-ए-तैयबा का बेस था, जो राजौरी, पुंछ में एक्टिव था। 20 अप्रैल 2023 को पुंछ में और 9 जून 2024 को तीर्थयात्रियों के बस हमले में यहीं से आतंकियों को ट्रेन किया गया था।
-
सरजल कैंप (सियालकोट)- ये अंतर्राष्ट्रीय सीमा से 6 किलोमीटर की दूरी पर है। मार्च 2025 में जम्मू कश्मीर पुलिस के जिन 4 जवानों की हत्या की गई थी, उन आतंकवादियों को इसी जगह पर ट्रेंड किया गया था।
-
महमूना जाया कैंप (सियालकोट)- ये कैंप 18 से 20 किलोमीटर आईबी से दूर था। हिजबुल मुजाहिदीन का बहुत बड़ा कैंप था। ये कठुआ जम्मू क्षेत्र में आतंक फैलाने का नियंत्रण केन्द्र था। पठानकोट एयरबेस पर किया गया हमला भी इसी कैंप से प्लान और डायरेक्ट किया गया था।
-
मरकज़ तैयबा (मुरीद के)- ये आईबी से 18 से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। 2008 के मुंबई हमले के आतंकी भी यहीं से प्रशिक्षित हुए थे। अजमल आमिर कसाब और डेविड हेडली भी यहीं ट्रेंड हुए थे। इनके ठिकानों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया गया है।
-
मरकज़ सुब्हान अल्लाह (बहावलपुर)- ये अंतरराष्ट्रीय सीमा से 100 किलोमीटर दूर है। ये जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय था। यहां पर रिक्रूटमेंट, ट्रेनिंग और इनडॉक्ट्रिनेशन सेंटर भी था। शीर्ष आतंकी अक्सर यहां आते थे।
-
सैयदना बिलाल कैंप- यह जैश-ए-मोहम्मद का स्टेजिंग एरिया है। ये हथियार, विस्फोटक और जंगल सरवाइवल ट्रेनिंग का कैंप भी था।
-
सवाई नाला कैंप (मुजफ्फराबाद)- ये POJK के लाइन ऑफ कंट्रोल से 30 किलोमीटर दूर है। ये लश्कर-ए-तैयबा का एक ट्रेनिंग सेंटर था। 20 अक्टूबर 2024 सोनमर्ग, 24 अक्टूबर 2024 गुलमर्ग, 22 अप्रैल 2025 पहलगाम हमलों के आतंकियों ने यहीं से प्रशिक्षण लिया था।
