
शहबाज शरीफ
इस्लामाबाद: पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत की ओर से उठाए गए कदमों ने पाकिस्तान को चिंता में डाल दिया है। युद्ध के मुहाने पर दोनों देश खड़े हैं। वहीं भारत में कल युद्ध की मॉक ड्रिल होनी है। भारत की तैयारियों को देखकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ टेंशन में आ गए। इसी टेंशन के बीच उन्होंने आईएसआई हेडक्वार्टर का दौरा किया।
सुरक्षा हालात की दी गई जानकारी
शहबाज शरीफ के साथ उप प्रधानमंत्री एवं विदेश मंत्री इसहाक डार भी आईएसआई हेडक्वार्टर पहुंचे। सेना प्रमुख असीम मनीर और प्रधानमंत्री कार्यालय के अधिकारी भी मौजूद थे। पाकिस्तान पीएमओ के मुताबिक प्रधानमंत्री को मौजूदा सुरक्षा हालात की विस्तार से जानकारी दी गई।प्रधानमंत्री को पूर्वी सीमा पर भारत की ओर बढ़ते दबाव और पारंपरिक खतरों से निपटने की तैयारियों के बारे में जानकारी दी गई। क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति और बदलते खतरे के परिदृश्य के बारे में बताया गया। पारंपरिक सैन्य उपायों, हाइब्रिड युद्ध रणनीतियों की जानकारी दी गई।
नियंत्रण रेखा के पास कभी भी हमला कर सकता है भारत-आसिफ
उधर, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने चेतावनी दी कि भारत कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पास किसी भी समय सैन्य हमला कर सकता है। आसिफ का यह बयान ऐसे समय आया है, जब पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद दोनों परमाणु हथियार संपन्न देशों के बीच तनाव चरम पर है। आसिफ ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ऐसी खबरें हैं कि भारत नियंत्रण रेखा के पास किसी भी स्थान पर हमला कर सकता है।’’
रक्षा खर्च में 18 प्रतिशत की वृद्धि करेगा पाकिस्तान: रिपोर्ट
एक ओर पाकिस्तान पर युद्ध का साया मंडरा रहा है वहीं पाकिस्तान की गठबंधन सरकार बजट में रक्षा खर्च में 18 प्रतिशत की वृद्धि कर इसे 2,500 अरब रुपये से अधिक करने की तैयारी कर रही है।सरकार एक जुलाई से शुरू होने वाले नए वित्त वर्ष से पहले जून के पहले सप्ताह में 2025-26 का बजट पेश करने की तैयारी में है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। इस हमले में 26 लोग मारे गए थे। समाचार पत्र ‘एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी (पीपीपी) के प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को बजट मामलों पर चर्चा करने के लिए प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और उनकी आर्थिक टीम से मुलाकात की। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने प्रमुख सहयोगी पीपीपी के साथ लगभग 17,500 अरब रुपये के नए बजट ढांचे को साझा किया, जो रक्षा व्यय में 18 प्रतिशत की वृद्धि पर सहमत हो गई है।
भारत के साथ बढ़ते तनाव को लेकर फैसला
समाचार पत्र ने सूत्रों के हवाले से कहा कि भारत के साथ हाल ही में बढ़े तनाव के कारण पीएमएल-एन और पीपीपी के बीच रक्षा बजट बढ़ाने पर सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सुरक्षा खतरों के मद्देनजर पीपीपी ने रक्षा बजट को 18 प्रतिशत बढ़ाकर 2,500 अरब रुपये से अधिक करने के प्रस्ताव का समर्थन किया। चालू वित्त वर्ष (2024-25) में सरकार ने रक्षा खर्च के लिए 2,122 अरब रुपये आवंटित किए, जो कि पिछले वित्त वर्ष (2023-24) के लिए बजट में रखे गए 1,804 अरब रुपये से 14. 98 प्रतिशत अधिक है। वार्षिक व्यय का दूसरा सबसे बड़ा घटक कर्ज भुगतान के बाद रक्षा क्षेत्र का खर्च है। चालू वर्ष में, कर्ज भुगतान के लिए आवंटित 9,700 अरब रुपये देश का सबसे बड़ा खर्च है।
