
हज के लिए श्रीनगर से पहला जत्था रवाना
Hajj 2025: जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर के बेमिना स्थित हज हाउस से 178 हज यात्रियों का पहला जत्था सऊदी अरब के मक्का के लिए रवाना हुआ। इस दौरान हज हाउस में रविवार की सुबह आंसुओं, प्रार्थनाओं और हार्दिक विदाई के साथ भावुक माहौल देखने को मिला। श्रीनगर शहर में सुबह होते ही परिवार अपने प्रियजनों को विदा करने के लिए एकत्र हुए, जिनमें से कई पहली बार इस पवित्र तीर्थयात्रा पर जा रहे थे।
178 तीर्थयात्रियों में 96 पुरुष और 82 महिलाएं शामिल रहीं। पहली उड़ान, जिसका नंबर एसजी-5304 है, श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरी। हज यात्रा रवाना होने से पहले अफसा ने कहा, “मैं बहुत खुश और भाग्यशाली महसूस कर रही हूं। हम शांति चाहते हैं और हम पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के लिए प्रार्थना करेंगे। हम प्रार्थना करेंगे कि सर्वशक्तिमान उन लोगों के परिवार के सदस्यों को शक्ति दे, जिन्होंने हमले में अपनी जान गंवाई है। हमें उम्मीद है कि कश्मीर की भावी पीढ़ियां शांति देखेंगी।”
अंतिम उड़ान में 321 तीर्थयात्री होंगे सवार
जम्मू और कश्मीर हज कमेटी के अनुसार, सरकार के कोटे के तहत इस साल जम्मू-कश्मीर से 3,600 से अधिक तीर्थयात्री हज करेंगे। अधिकारियों के अनुसार, कश्मीर से हज प्रस्थान की पूरी प्रक्रिया 4 मई से 15 मई तक चलेगी, जिसमें कुल 11 उड़ानें निर्धारित हैं। 15 मई को अंतिम उड़ान में 321 तीर्थयात्री सवार होंगे। अधिकारियों ने कहा, “तीर्थयात्रियों को अपनी उड़ान के कार्यक्रम के आधार पर 42 से 46 दिनों तक सऊदी अरब में रहने की उम्मीद है।”
अधिकारियों ने आगे बताया कि इस वर्ष की तैयारियों में तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षा प्रोटोकॉल, रस्मों और यात्रा निर्देशों को कवर करते हुए तीन दौर का प्रशिक्षण शामिल था। अधिकारियों ने कहा, “एक टीकाकरण अभियान भी पूरा कर लिया गया है, जिसमें तीर्थयात्रियों को इन्फ्लूएंजा और पोलियो सहित अनिवार्य टीके लगाए गए हैं। तीर्थयात्रियों को सामान की सीमा के बारे में सूचित कर दिया गया है।”
सऊदी अरब ने हज सीजन से पहले भारत सहित 14 देशों के लिए उमरा, व्यापार और परिवारिक यात्रा वीजा को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था। हालांकि, अधिकारियों ने बाद में स्पष्ट किया कि यह एक नियमित उपाय था, जिसका उद्देश्य गैर-हज वीजा के दुरुपयोग को रोकना और आधिकारिक तौर पर पंजीकृत हज यात्रियों के लिए सुविधाओं का बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करना था।
12वें महीने में किया जाता है हज
जम्मू और कश्मीर हज कमेटी के कार्यकारी अधिकारी डॉ. शुजात अहमद कुरैशी ने कहा, “यह कदम हज 2024 के दौरान हमने जो भीड़भाड़ और लॉजिस्टिकल मुद्दे देखे, उन्हें कम करने में मदद करता है। वैध तीर्थयात्रियों को अब आवास और सेवाओं तक सुगम पहुंच प्राप्त होगी।” बता दें कि हज इस्लामी चंद्र कैलेंडर के 12वें महीने, ज़ु अल-हज्जा के 8वें से 13वें दिन के बीच होता है। हज मक्का, सऊदी अरब में किया जाता है।
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