
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने दिल्ली, चेन्नई और बेंगलुरु की 10 दिवसीय यात्रा पूरी कर शनिवार को बागेश्वर धाम की वापसी की है। 11 मई तक बागेश्वर धाम पर रहते हुए उन्होंने 5 दिवसीय हनुमंत साधना शुरू की है, जो 8 मई तक चलेगी। इस साधना के दौरान वे प्रतिदिन 10 घंटे एकांत में कठिन तप करेंगे, जिसमें तेज गर्मी और कड़ी धूप में केवल एक गिलास दूध पर निर्भर रहेंगे।
बाबा बागेश्वर ने सन्यासी साधकों से की मुलाकात
साधना के पहले दिन बाबा बागेश्वर ने सन्यासी बाबा की साधना लेने वाले साधकों से मुलाकात की। उन्होंने साधकों के साथ उनके अनुभव साझा किए और साधना से उनके जीवन में आए सकारात्मक परिवर्तनों पर विस्तृत चर्चा की। साधकों ने अपनी आध्यात्मिक यात्रा और साधना के प्रभावों को साझा करते हुए बागेश्वर महाराज के मार्गदर्शन की सराहना की।
बाबा बागेश्वर ने की विशेष पूजा-अर्चना
वहीं, दूसरे दिन रविवार को बागेश्वर महाराज ने बागेश्वर धाम में स्थित बागेश्वर बालाजी भगवान के मंदिर में दर्शन किए और विशेष पूजा-अर्चना की। इस दौरान उन्होंने भक्तों की उपस्थिति में हनुमान जी की आराधना की और साधना के उद्देश्यों को स्पष्ट किया।
भारत को हिंदू राष्ट्र के रूप में स्थापित करना प्रमुख उद्देश्य
बाबा बागेश्वर की साधना का मुख्य उद्देश्य भारत को हिंदू राष्ट्र के रूप में स्थापित करना है। बागेश्वर धाम में प्रस्तावित कैंसर अस्पताल के निर्माण को निर्विघ्न करना और हिंदू समुदाय में एकता व संगठन को बढ़ावा देना है।
शनिवार और मंगलवार को लगेगा विशेष दरबार
साधना के दौरान बागेश्वर धाम में प्रतिदिन दिव्य दरबार का आयोजन होगा, जिसमें भक्तों की समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इसके अलावा, शनिवार और मंगलवार को विशेष पेशी वाला दरबार भी लगेगा, जिसमें बागेश्वर महाराज भक्तों की अर्जियों पर विचार करेंगे।
भक्तों का उत्साह चरम पर
यह साधना न केवल आध्यात्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि सामाजिक और धार्मिक उद्देश्यों को भी मजबूत करने का एक प्रयास है। बागेश्वर धाम में साधना के दौरान भक्तों का उत्साह चरम पर है। देशभर से आए श्रद्धालु इस पवित्र अवसर का हिस्सा बनने के लिए धाम पहुंच रहे हैं। बागेश्वर महाराज की यह साधना उनके भक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है, जो उनके मार्गदर्शन में आध्यात्मिक और सामाजिक उत्थान की दिशा में कार्यरत हैं।
