
आरिफ मोहम्मद खान
पहलगाम आतंकी हमले के बाद ‘आप की अदालत’ के स्पेशल शो बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने इंडिया टीवी के एडिटर इन चीफ रजत शर्मा के सवालों का बड़ी बेबाकी से जवाब दिया। इस दौरान उन्होंने इतिहास से जुड़ी कई घटनाओं का जिक्र करके पाकिस्तान की पोल खोली। उन्होंने यह भी बताया कि पहलगाम में आतंकियों ने लोगों को मारने से पहले उनका धर्म क्यों पूछा था। अपने जवाब के समर्थन में उन्होंने 1988 में पाकिस्तान में दिए गए एक बयान का भी जिक्र किया।
आरिफ मोहम्मह खान ने बताया कि भारत में हिंदू और मुसलमानों को आपस में लड़ाने के लिए 1988 में जनरल जियाउल हक ने एक बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि भारत को 1000 जख्म देने हैं। इसके बाद से पाकिस्तान लगातार भारत में हिंदुओं और मुसलमानों को बांटने की साजिश करता रहा है।
1988 का बयान
1988 में जनरल जिया उल हक ने मुख्य जनरल की मौजूदगी में एक भाषण दिया। उन्होंने कहा कि अब तक हम परंपरागत तरीके से जो अपना उद्देश्य हासिल करने की कोशिश करते रहे हैं। वह नाकाम हो चुका है। अब हमें रणनीति बदलनी पड़ेगी। हमें अब लड़ाई नहीं लड़नी, हमें अब हिंदुस्तान को 1000 जगह से जख्मी करना है।
मौलाना आजाद का बयान
जब आरिफ मोहम्मद खान से कहा गया कि 26 में से 16 लोगों की पैंट उतरवाकर उनका धर्म जांचा गया। इससे लोगों का दिल टूट गया। इसके जवाब में उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आतंकियों ने जानबूझकर ऐसा किया, ताकि भारत में दो धर्म के लोग आपस में लड़ें। उन्होंने बताया कि मौलाना आजाद ने भारत के विभाजन का विरोध करते हुए एक बात कही थी कि तुम नफरत की बुनियाद पर जो मुल्क बनाना चाहते हो, वह तभी तक कायम रहेगा, जब तक नफरत रहेगी, जिस दिन नफरत खत्म हुई, उसी दिन मुल्क भी खत्म हो जाएगा।
