रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने गुरुवार को कहा कि भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग अगले दशक में तीन गुना से अधिक बढ़कर 100 अरब डॉलर का होने की क्षमता रखता है। इस उछाल से लाखों नौकरियां जेनरेट होंगी और अलग-अलग क्षेत्रों में इसका व्यापक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कहानी कहने और डिजिटल टेक्नोलॉजी के मिश्रण ने रणनीतिक और आर्थिक अवसर पैदा किया है। अंबानी ने 2025 ‘विश्व दृश्य श्रव्य एवं मनोरंजन सम्मेलन’ (WAVES 2025) के उद्घाटन सत्र में कहा कि भारत का मीडिया एवं मनोरंजन उद्योग आज की तारीख में 28 अरब अमेरिकी डॉलर का है।
पीएम मोदी का किया धन्यवाद
WAVES 2025 कार्यक्रम में पीएम नरेन्द्र मोदी भी शामिल हुए। इस मौके पर मुकेश अंबानी ने प्रधानमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि आज आपकी उपस्थिति से हम वास्तव में धन्य और गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। हम आपकी असाधारण जिम्मेदारियों को जानते हैं – खासकर हाल ही में पहलगाम में हुए बर्बर आतंकवादी हमले के बाद। इसलिए, आपका यहां आना एक मजबूत संदेश देता है। आशा, एकता और अडिग संकल्प का संदेश। हम सभी यहां एकत्रित होकर पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। मोदी जी, शांति, न्याय और मानवता के दुश्मनों के खिलाफ इस लड़ाई में आपको 145 करोड़ भारतीयों का पूरा समर्थन है। उनकी हार निश्चित है। भारत की जीत भी निश्चित है।
टेक्नोलॉजी से मिलेगा बड़ा सपोर्ट
खबर के मुताबिक, मुकेश अंबानी ने कहा कि भारत एक अग्रणी डिजिटल देश बन गया है और कहानी कहने और डिजिटल टेक्नोलॉजी का मिश्रण भारत के लिए यूनीक है। आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) और ‘इमर्सिव टेक्नोलॉजी’ (डिजिटल दुनिया में जीवंत अनुभव देने वाली प्रौद्योगिकी) के उपकरण हमारी कहानियों को पहले से कहीं अधिक आकर्षक बना सकते हैं और उन्हें तुरंत विभिन्न भाषाओं, देशों एवं संस्कृतियों के दर्शकों तक पहुंचा सकते हैं। अंबानी ने कहा कि इन उपकरणों में निपुणता हासिल कर भारत के बेहद प्रतिभाशाली युवा रचनाकार हिट फिल्मों के साथ वैश्विक मनोरंजन उद्योग पर राज करेंगे।
हमारे पास कहानियों का विशाल खजाना
अंबानी ने कहा कि हमारी कहानियां एकजुट करने, प्रेरित करने और समृद्ध बनानें की अपनी क्षमताओं के साथ बेहतर भविष्य की उम्मीद देती हैं। भारत का मनोरंजन और सांस्कृतिक उद्योग सिर्फ ‘सॉफ्ट पावर’ नहीं है यह वास्तविक शक्ति है। हमारी 5,000 वर्षों से अधिक पुरानी सभ्यता की विरासत में, हमारे पास रामायण और महाभारत से लेकर दर्जनों भाषाओं में लोककथाओं और ग्रंथ तक कालातीत कहानियों का विशाल खजाना है। वे दुनिया भर के लोगों के दिलों को छूते हैं क्योंकि ये सार्वभौमिक मानवीय मूल्यों, भाईचारा, करुणा, साहस, प्रेम, सौंदर्य और प्रकृति की देखभाल से भरपूर हैं।
उन्होंने कहा कि कोई भी देश भारत की कहानी कहने की क्षमता से मेल नहीं खा सकता। इसलिए, बड़े आत्मविश्वास और रचनात्मकता के साथ आइए हम अपनी कहानियों को वैश्विक स्तर पर ले जाएं ताकि विभाजित दुनिया को बेहतर बना सकें। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत वर्तमान में आधुनिक प्रौद्योगिकियों की शक्ति से अभूतपूर्व कायाकल्प का अनुभव कर रहा है।
