Investment in Gold : 30 अप्रैल 2025 को पूरे देश में अक्षय तृतीया मनाई जाएगी। सोना खरीदने के लिहाज से यह दिन काफी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन सोना खरीदने से घर में समृद्धि आती है। सोना हमारे यहां मां लक्ष्मी का रूप माना जाता है। सोने में कई तरह से निवेश किया जा सकता है। सोने में निवेश पर टैक्स भी लगता है। डिजिटल गोल्ड और फिजिकल गोल्ड दोनों पर टैक्स एक जैसा लगता है। लेकिन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में टैक्स के नियम अलग हैं। आइए विस्तार से जानते हैं।
फिजिकल गोल्ड
फिजिकल गोल्ड और डिजिटल गोल्ड दोनों में एक तरह से टैक्स लगता है। अगर यह खरीदने के 2 साल के बाद बेचा जाता है, तो इस पर इंडेक्सेशन बेनिफिट्स के बिना 12.5 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। जब इसे 2 साल के भीतर बेचा जाता है, तो गेन्स आपकी इनकम मे जुड़ जाएगा और स्लैब के अनुसार टैक्स लगेगा।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB)
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में टैक्स के नियम अलग होते हैं। अगर आप इन्हें खरीदने के 3 साल के अंदर सैकेंडरी मार्केट में बेचते हैं, तो इन पर आपकी स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगेगा। लेकिन अगर आप इन्हें तीन साल होल्ड करने के बाद सेल करते हैं, तो इन पर इंडेक्सेशन के बिना 12.5 फीसदी की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता है। और अगर आप इन्हें मैच्योरिटी तक रखते हैं, तो इन पर कोई टैक्स नहीं लगता है। इन बॉन्ड्स की मैच्योरिटी अवधि 8 साल की होती है और 5 साल बाद इनमें अर्ली रिडेम्पशन का ऑप्शन भी मिलता है। इन बॉन्ड्स पर मिलने वाली 2.5 फीसदी की एनुअल इनकम पर टैक्स स्लैब के अनुसार लगता है।
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)
एक अप्रैल 2025 से यहा नए नियम लागू हो गए हैं। अगर आप इन्हें 12 महीने रखने के बाद बेचते हैं तो इंडेक्सेशन के बिना 12.5 फीसदी टैक्स लगेगा। अगर इस अवधि से पहले निवेश को बेचा जाता है, तो व्यक्ति के इनकम टैक्स स्लेब के हिसाब से टैक्स कटेगा।
