May 1, 2025 1:51 pm

May 1, 2025 1:51 pm

Search
Close this search box.

पहलगाम हमले पर संसद का विशेष सत्र बुलाएगी सरकार? जानिए कपिल सिब्बल ने क्या कहा

Kapil Sibal
Image Source : FILE
कपिल सिब्बल

नई  दिल्ली: क्या पहलगाम हमले पर सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाएगी? यह सवाल उठाया है राज्यसभा में निर्दलीय सदस्य कपिल सिब्बल ने। उन्होंने रविवार को राजनीतिक दलों से अनुरोध किया कि वे पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर मई में जल्द से जल्द संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए सरकार से आग्रह करें। सिब्बल ने कहा, ‘‘मैंने 25 अप्रैल को सुझाव दिया था कि दुख की इस घड़ी में देश की एकता प्रदर्शित करने के लिए संसद का विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी राजनीतिक दलों से अनुरोध करता हूं कि वे सरकार से मई में जल्द से जल्द ऐसा सत्र बुलाने का आग्रह करें।’’ सिब्बल ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से संसद का विशेष सत्र बुलाने और पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया था ताकि दुनिया को यह संदेश दिया जा सके कि देश एकजुट है। सिब्बल ने सरकार को सत्तारूढ़ और विपक्षी सांसदों के प्रतिनिधिमंडलों को विभिन्न महत्वपूर्ण देशों में भेजने का सुझाव भी दिया था ताकि पाकिस्तान पर कूटनीतिक दबाव बनाया जा सके। 

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि जिस तरह अमेरिका प्रतिबंध जैसे कदम उठाता है उसी तरह भारत को पाकिस्तान के साथ व्यापार संबंध रखने वाले सभी प्रमुख देशों से कहना चाहिए कि अगर वे इस्लामाबाद के साथ व्यापार करते हैं तो वे भारतीय बाजार में नहीं आ सकते। पार्टी लाइन से हटकर नेताओं ने आतंकवाद और आतंकवादियों के शिविरों के खिलाफ ‘‘निर्णायक कार्रवाई’’ का आह्वान किया था और सरकार को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया था। पहलगाम हमले पर चर्चा के लिए एक सर्वदलीय बैठक के दौरान सरकार ने कहा था कि वह सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय कर रही है। इसने नेताओं को आतंकवाद तथा इसके समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया था। 

बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले में पहलगाम के पास बैसरन घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर हमला किया और 26 लोगों की हत्या कर दी। करीब 17 लोग इस हमले में घायल हो गए। 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के बाद यह सबसे घातक हमला था। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। आतंकवादियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। कुछ पीड़ितों को “कलमा” पढ़ने के लिए कहा गया, और जो नहीं पढ़ सके, उन्हें गोली मार दी गई। (इनपुट-भाषा)

Latest India News

Source link

Amogh News
Author: Amogh News

Leave a Comment

Read More

1
Default choosing

Did you like our plugin?

Read More