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भारतीय कंपनियों ने लगाई लंबी छलांग, विलय और अधिग्रहण के सौदे में आया इतने फीसदी का जबरदस्त उछाल

Merger and acquisition - India TV Paisa

Photo:FILE विलय और अधिग्रहण

भारतीय कंपनियों की ओर से जुलाई के महीने में 8.4 अरब डॉलर की वैल्यू की 195 डील की गई है। इसमें 16 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह जानकारी मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में दी गई। रिपोर्ट में आगे कहा गया कि विलय और अधिग्रहण की डील की मासिक वॉल्यूम 50 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली है और बीते महीने 3.2 अरब डॉलर की कुल 75 डील हुई है। कुल डील वॉल्यूम में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सबसे आगे रहा। इसके बाद फार्मा, रिटेल, आईटी सेक्टर में सबसे ज्यादा डील हुई। डील वैल्यू में फार्मा सेक्टर सबसे ऊपर रहा।

प्राइवेट इक्विटी (पीई) सबसे आगे रही

ग्रांट थॉर्नटन भारत डीलट्रैकर की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि कुल डील की संख्या में 57 प्रतिशत के साथ प्राइवेट इक्विटी (पीई) सबसे आगे थी। वहीं, कुल वैल्यू का 59 प्रतिशत हिस्सा विलय और अधिग्रहण की डील से आया। ग्रांट थॉर्नटन भारत में पार्टनर शांति विजेता ने कहा कि भारतीय कंपनियों की ओर से की जाने वाली डील में वृद्धि निवेशकों के आत्मविश्वास को दिखाता है। कई बड़ी घरेलू डील होने के कारण विलय और अधिग्रहण में मासिक वॉल्यूम उच्च स्तर पर है। सीमा पार गतिविधियों में बढ़त होना दिखाता है कि ग्रोथ मार्केट के रूप में भारत की पोजीशन मजबूत है।

निवेश के लिए भारत सबसे पसंदीदी जगह

विजेता ने आगे कहा कि बजट 2024 में सरकार की ओर से वृद्धि-केंद्रित इनिशिएटिव लिए जाने कारण भारत विश्व के लिए निवेश की पसंदीदा जगह बना हुआ है। प्राइवेट इक्विटी में 2.2 अरब डॉलर की 98 डील हुई है, हालांकि, वैल्यू में 0.5 प्रतिशत का मामूली इजाफा हुआ है। वहीं, वॉल्यूम में हल्की गिरावट हुई है। औसत डील साइज बढ़कर 22 मिलियन डॉलर हो गई है। इसमें 1.4 अरब डॉलर की सात उच्च वैल्यू वाले लेनदेन शामिल हैं।

इनपुट: आईएएनएस

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